अक्सर यूँ ही एक सवाल आता है उमड़ कर जेहन में मेरे गिला शिकवा << आईना कब किसको सच बता पाया... वो तो दिवानी थी मुझे तन्ह... >> अक्सर यूँ ही एक सवाल आता है उमड़ कर जेहन में मेरेआज बे वजह क्यों भूल गये कल तक बेवजह चाहने वाले! Share on: